वैज्ञानिकों ने एक ऐसे मॉलिक्यूल स्ट्रक्चर की पहचान की है, जिसका इस्तेमाल कोरोना वायरस मनुष्य की कोशिकाओं को धोखा देने के लिए करता है। इस मॉलिक्यूल के कारण कोशिकाएं कोरोना के जेनेटिक सिक्वेंस को अपने जैसा ही समझने लगती हैं और वायरस आसानी से शरीर में प्रसार करने लगता है।